जो पार्वतीविलास है, जिसके मन द्वारा दूर-दूर तक रचना का विस्तार होता है, जिसकी कृपादृष्टि से दुर्धर आपदा का नाश होता है, उस दिगम्बर शिव में मेरे मन को आनन्द मिले। साँप और मोतियों की माला, गरिष्ठ रत्न और मिट्टी, मित्र और शत्रु, तृण के समान और कमल के समान https://www.youtube.com/shorts/BvYMU70kIQ4
A Review Of Shiv
Internet 143 days ago janed197fpa9Web Directory Categories
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